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PoetryOfSJT Quotes, often spoken by influential individuals or derived from literature, can spark motivation and encourage people to take action. Whether it's facing challenges or overcoming obstacles, reading or hearing a powerful PoetryOfSJT quote can lift spirits and rekindle determination. PoetryOfSJT Quotes distill complex ideas or experiences into short, memorable phrases. They carry timeless wisdom that often helps people navigate life situations, offering clarity and insight in just a few words.
जिनको सींचा था हमने कड़ी धूप में ,
उजाड़ गुलशन मेरा बागवान हो गए,
जिन पत्थर ने हथौड़ी की मार न सही,
आज मन्दिर में जाकर भगवान हो गए,
जिनको इंसानियत की ख़बर ही नहीं,
हमसे कहते हैं की हम शैतान हो गए ,
देखलो पलट के अपना पुराना चरित्र,
आज बतला रहे हो तुम इंसान हो गए,
#PoetryOfSJT
जिन किनारों ने बहने दिया न कभी,
वेग से बह के पानी की धार हो गए,
सागर से मिलने की तमन्ना लिए,
स्वार्थ की नांव बनाकर सवार हो गए,
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.#poetryofsjt
चांद थे वो कभी आसमां के मेरे ,
मेरे दामन के अब दागदार हो गए ,
जिस सितारे से कल किया रूबरू ,
उसकी रौशनी से चमकदार हो गए,
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#पगली_दीवानी _3_
बोझिल रात लगती है नहीं कटती तुम्हरे बिन,
यादों में ही आते हो कभी ख्वाबों में आ जाओ ,
तमन्ना तुमसे है अब रूबरू होने की ओ जाना,
मुकम्मल मिल जाओ या सांसों में समा जाओ,
कहती है तुम्हारे बिन अब तो रह नहीं सकती,
जुदाई का ज़हर लेकिन अब तो पी नहीं सकती,
बहुत दिल को संभाला है बगावत न कर दे ये,
ज़िन्दगी तुम्हारे बिन मगर अब जी नहीं सकती,
मुझे मालूम है किनारा तुम मेरे हो नहीं सकते,
मगर ये भी पता है की मुझे तुम खो नहीं सकते,
रहा जब तक तुम्हारा साथ मैं साथ निभाऊंगी,
ये हमारे प्यार के मोती कहीं गुम हो नहीं सकते,
मानती हूं ज़माने के गुनहगारों में मैं सामिल हूं,
मगर ये भी तो सच है कि यारों में मैं सामिल हूं,
ज़माने की मुझे बिलकुल भी परवाह नहीं है पर,
तुम्हारे मैं मगर लेकिन शुक्रगुजारों में सामिल हूं,
हर इक ग़म को सहती है मगर बस मुस्कुराती है,
कहूं मैं कुछ भी उससे तो सब सच मान जाती है,
समन्दर में कहीं फिर दूर जाकर लौट आना हो,
अनहोनी होने से पहले सब कुछ जान जाती है,
कभी सवेरा खुशियों का होगा उसे विश्वास है पूरा,
कभी मेरी मेहनत रंग लाएगी उसे आभास है पूरा,
उसे डर इस बात का है की कदम न डगमगा जाएं,
मेरे कदमों में मंजिल हो उसका अब प्रयास है पूरा ,
#PoetryOfSJT
अंग्रेजी सभ्यता का बुखार चढ़ा है तुमको ,
इस लिए ख़ुद को पहचान नहीं पा रहे हो ,
आदत है गुलामी जिंदगी जीने कि तुमको ,
तभी असली मां बाप जान नहीं पा रहे हो ,
अरे जागो अब अंधकार की नीदों से तुम ,
बाहर तुम्हारा शत्रु तैयार खड़ा है लड़ने को ,
गर अब भी जो तुम ने न जवाब दिया तो ,
मज़हब के लिए अपने वो अड़ा है मरने को ,
#PoetryOfSJT
#2022
आंधियां हैं अंधेरा है न जुगनू कोई ,
अभी चलना है मंजिल बहुत दूर है ,
तुमसे मिलना अभी तो मुकम्मल नहीं ,
पर पता है मुझे, आज है.. कल नहीं ,
सारे लम्हों को खुल के मैं जी लूं जरा ,
नफ़रत का सारा ज़हर मैं पी लूं जरा ,
जिन्दगी तो बसर हो रही है मगर ,
कुछ आदतों से दिल ये मजबूर है ,
आंधियां हैं अंधेरा है न जुगनू कोई ,
अभी चलना है मंजिल बहुत दूर है ,
#PoetryOfSJT
बहते आंसुओं को छिपा लेते हैं ,
कोई देख न ले मुस्कुरा देते हैं ,
शिकायत नहीं रही शिकायतों से ,
चराग खुद का खुद बुझा देते हैं ,
कई जन्मों से बंदी हैं ग़म के ,
चलो आज फिर रिहाई देते हैं ,
ज़माना को सुनना पसंद है तो ,
चलो आज फिर सफाई देते हैं ,
अभी हमसे न पूछो कहां थे ,
अफवाओं के किस्से सुनाई देते हैं ,
ये जो कुछ लोग अपना कहते हैं ,
पीठ पीछे औकात दिखा ही देते है,
#PoetryOfSJT #love
यादों के साए में रहना मुश्किल होता है ,
तन्हा होकर भी हंसना मुश्किल होता है ,
समंदर ख़ुद में गहराई रखता है लेकिन ,
ख़ामोश होकर बहना मुश्किल होता है ,
#PoetryOfSJT
बहुत रूठने लगी हैं ख्वाहिशें मुझसे ,
मुफलिसी के घर में रहने लगा हूं अब ,
कोई भूले से आना नहीं चाहता यहां ,
खुद अपनी मौज में बहने लगा हूं अब ,
हर शख्स दिवाखा करता है यहां पर ,
ख़ुद ही जख्मों को सहने लगा हूं अब ,
खफा हो जाते हैं अक्सर मुझे लोग ये ,
सच लोगों के मुंह पे कहने लगा हूं अब ,
सोता नहीं आजकल रातों में अक्सर ,
चांद तारों को देख जगने लगा हूं अब ,
लोग पूछते हैं क्या लिखते रहते हो ये ,
मन के जज़्बात को लिखने लगा हूं अब ,
#poetryofsjt #sad #love #life #alone #pyar #poetry
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