अनंत Quotes in Hindi, Gujarati, Marathi and English | Matrubharti

अनंत Quotes, often spoken by influential individuals or derived from literature, can spark motivation and encourage people to take action. Whether it's facing challenges or overcoming obstacles, reading or hearing a powerful अनंत quote can lift spirits and rekindle determination. अनंत Quotes distill complex ideas or experiences into short, memorable phrases. They carry timeless wisdom that often helps people navigate life situations, offering clarity and insight in just a few words.

अनंत bites

ये पलाश के फूलों सें
सजे रास्ते
है हमारे तुम्हारे वास्ते
ये बादलों का उमङना
हमारे तुम्हारे दिलों का धङकना
सच कहूँ सपनों को है तराशते।

ये रंग बिरंगे पत्तियों का झरना
सौन्दर्य का है समय के साथ बिखरना
है बिखरना तो क्या हुआ
सौन्दर्य का सुंदरता से है मिलना।

सदाबहार
गीतों यादों का गुलदस्ता हैं
जीवन के उधेङबुन में व्यस्तता है
फिर भी मौहब्बत और मौहब्बत के लिए
प्रकृति ने सजाया ये रास्ता है।

#अनंत

-Anant Aman

प्रेम कोई पूर्वाग्रह नही,
ये तो पावन एहसासों की "गाथा" है।
#अनंत

सावन शिव सा है निर्मल शीतल पुनीत अनुराग सा है।
#अनंत

हिंदी एक ऐसा भाषा है जो हर भाषा हर बोली को अपने में समेटने का सामर्थ्य रखता है।
#अनंत

मेरे सामने जो है वो मेरे अंतस नहीं,
दुनिया है कोई मगर मेरी दुनिया नहीं।
#अनंत

मैं इजहार ए इश्क भी क्या करता
चार दिन के उम्र में क्या-क्या ठिक करता।

जेब खाली उङान आसमान वाली में
चाहकर भी कितना खूद को दरबदर करता।

रूहानी इश्क को आखिर अल्फ़ाज़ क्या देता
अपनी घुटन में तुम्हें क्यों बर्बाद करता।

दुआ मेरी जब मुक्कमल होती हीं नहीं
फिर क्यों किसी चौखट पर सर पटकता।

अब तू हीं बता "अनंत" आसमां को ज़मीं कब तक कहता
चार दिन के उम्र में क्या-क्या ठिक करता।

#अनंत

-Anant Dhish Aman

माँ के गोद में
हीं आकर मैं निर्भिक निडर हो जाता हूँ
मुझे ऐसा विश्वास है कि हर पुरुष अपने माँ के साथ खङा होकर निर्भीक निडर हो जाता है।
#अनंत

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

-Anant Dhish Aman

अकेले देखने को हीं ख्वाब कहते है,
साथ देखने को तो प्रेम कहते है ।।
#अनंत

चल रहा हूँ
चल रहा हूँ
निरंतर पथ पर मैं चल रहा हूँ
एक आवाज़ सुनाई हर वक़्त देती है
थोङा और चल
थोङा और चल
इसे सुनकर हौसला बढता हीं जाता है
भय-भ्रम से मन मुक्त होता हीं जाता है
तन संदल सा सुगंधित होता हीं जाता है
जीवन का लक्ष्य संकल्पित होता हीं जाता है
चलते रहूंगा
चलते रहूंगा
निरंतर पथ पर मैं चलते हीं रहूंगा
क्योंकि
मन मुक्त है
तन सुगंधित है और लक्ष्य संकल्पित है।
#अनंत