रात और ग्लास दोनों आधी अधूरी है
और खामौश बैठा हूं,
बीते रातों में वो बात नहीं थी जो बात
आज की रात में है......
दिल में आया ख्याल बहुत कुछ लिखने
को लेकिन क्या ....?
कोई ऐसी बात जो तुम्हारे बेहद करीब हो...
एक ऐसा शेर जिसमें तुम्हारे नाम का जिक्र हो...
कुछ ऐसा लिखूं में नगमा जिसके
हर लब्ज में तुम्हारे ख्याल झलकते हो..!
कोई ऐसा सवाल जिनका ना तेरे हाथ में
और ना ही मेरे हाथ की लकीरों में हो जवाब..!
गर हो इजाजत तो लिखूं में वो यादें
जिसमें मैं हूं और तुम हो और फिर हम हैं..!

Hindi Shayri by Vikash Raj : 12103

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