स्वाद जिंदगी का भूल सा गया,
चाहतों की दौड़ में मशगूल कुछ ऐसा हुआ।
ना फिक्र रिश्तों की रही,
ना खयाल अपनों का।
बस गुम है गुलाबी कागजों की सरसराहटों में।

Hindi Shayri by Neerja Pandey : 111872227

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