में तुम्हारे लिए कितना मायने रखती हूं
मेने हमेशा प्रश्न किए की क्यों मे तुम्हारे लिए इतनी जरूरी हु
और ये प्रश्न स्वाभाविक है
मेरे लिए तो
मेने हा हकीकत में प्रेम कम रिश्तों को ज्यादा बिगड़ते देखा है
जब तुम अन्नत अनुराग लेकर मुझ तक आते हो तो
मुझे लगता हैं कि कोई सच में किसी से उतना प्रेम कर सकता है
और अगर कर सकता है तो
तो क्या ये प्रेम उम्र भर रहेगा
दूर से चांद भी अच्छा लगता हैं
हकीकत तो पास जा कर पता चलती है
बस उसी हकीकत को टटोलने की कोशिश करती हूं तुम्हारे कहे हर शब्द मे
जब मुझे लगता हैं कि मैं बाजी हार रही हूं
तुम्हे गले लगा कर में वो जीत लेती हूं
pooja s