चाहत -
चाहतो के दिये जलाए रखिये
चाहतो कि हद से गुजरजा चाहिये
चाहते तो जिंदगी जिंदा
जिंदगी खास खासियत हर हाल जिंदा रहना चाहिए।।
चाहते जिंदगी सांसे गर्मी
चाहते जुनून कि जमीं आग
चाहतों पर जीना चाहतों पर
मरना चाहिए।।
अधूरी चाहते इंसान अधूरा
चाहते मुकम्मल होनी चाहिए
चाहते हर दौर वक़्त हो हासिल चाहतों के हद से गुजरना चाहिए।।
चाहते इंसान का वजूद
चाहतों मंजिल मकसूद
चाहतों से जिंदगी
बदलनी चाहिए।।
गर मर गई चाहते इंसान
जिंदा लाश चाहतों के कदम
चलना चाहिए।।
चाहत यकीन इरादों
हौसलों कि हस्ती चाहते
इबादत पूजा चाहते से
तकदीर तारीख बदलनी
चाहिए।।
चाहत रोशनी दिया चिराग
दिल में चाहतों का प्रकाश
जिंदगी का रास्ता वास्ता चाहत
चलती जिंदगी का जज़्बा जलना
चाहिए।।
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखुर उत्तर प्रदेश।।