सुनो
ज्यादा कुछ नहीं बस मै इतना तुमसे चाहता हूं की जैसे मैं आप से प्रेम करता हूं वैसे आप भी मुझसे करो ऐसा जिसमे मुझे अगर चोट लगे तो मेरी आवाज़ से तुम मेरी पीड़ा का एहसास कर सको जैसे मैं तुम्हारी आवाज से तुम्हारे दर्द को महसूस कर लेता हूं और तुम्हे अपने प्यार के मरहम से मुस्कुराहट देता हूं....ठीक ऐसा ही एहसास सुकून मुझे भी करना है....
मैं जानता हूं उम्मीद रखना ए प्रेम में नही आता है और मैं कोई उम्मीद भी नहीं रखता हूं और हा आप को बोल भी नहीं रहा हूं कुछ आप जैसे भी मुझसे प्रेम करती हो मुझे स्वीकार है ... मैं तो सिर्फ अपने ह्रदय की बात आप से बता रहा हूं जिससे मेरे मन को शांति और मुझे सुकून मिले....
आप को पता है आप मेरी कहानी का हिस्सा बन गई हो जैसे शरीर का कोई अंग काम न करे तो मन में बहुत पीड़ा होती है....ठीक उसी तरह आप अगर मुझसे दूर जाती हो या कही बिन बताए जाती हो तो मुझे बैचेनी घबराहट होती हैं ऐसा लगता है की मेरे जिस्म का एक हिस्सा गायब हो गया हो....
मैं इसी लिए आप से दूर नही होता हूं जानती हो क्यो क्योंकि मुझे जो पीड़ा होती है मै नही चाहता हूं आप को भी उसी पीड़ा से गुजरना पड़े... हा मै इतना ज़रूर चाहता हूं मेरी पीड़ा का तुम आभास करो और जैसे मैं तुमसे प्रेम करता हूं... वैसा ही प्रेम पाने की अभिलाषा रखता हूं ...आप प्रेम करो अपने हिसाब से हमनें तो अपने हृदय की बात को कह दिया है..