दौलत का अभिमान है झूठा
ये तो आनी जानी है
राजा रंक हुए अनेक
कितनो की कहानी है सुनी
राम नाम प्रिय ही महामंत्र साथ तुम्हारे जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह
राम के दर्शन पाएगा

Hindi Poem by Jatin Tyagi : 111852005

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