पत्र:
पत्र लिखना
पत्र में पहाड़ लिखना,
कुशल में प्यार लिखना
देश का स्वभाव लिखना।
पंक्तियों के मध्य
स्वास्थ्य की बात करना,
हरी-सूखी घास पर
घसियारियों के गीत लिखना।
पत्र के मध्य
चुनावों की हार-जीत बताना,
शिखरों पर पड़े हिम पर
लम्बी पर्यावरणीय बात कहना।
वन की आग का
बारी बारी विवरण देना,
जले-मरे वृक्षों का
अन्तिम संस्कार कर देना।
पत्र के अन्त को
अन्तिम मत कहना,
उठे मुद्दों पर
अपनी राय रखना।
* महेश रौतेला