आज फिर उसकी याद ने हमे रुला दिया,
कैसा है ये चेहरा जिस ने हमे ये सिलसिला दिया,

दो लफ्ज लिखना भी सीखा न था,
उसकी बेवफाई ने मुझे शायर बना दिया ।

-Akash Gupta

Hindi Shayri by Akash Gupta : 111844213

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