अब वो न राते है अब वो न बातें हैं।
अब हर कोई घर में तोता बन कैद है।
अब ना वो दोस्तो के साथ में बैठना है।
अब ना वो नॉक जॉक वाली बाते है।

गुलाम बनया हमको ये नए मोबाइलों ने।
अपनो से बिछड़ा के दूर करा मोबाइल ने।
मंदिर को स्तसंग को भुलाया मोबाइल ने।
तलवार की जगह हाथो में ली मोबाइलों ने।

कितना खोया कितना पाया हिसाब नहीं।
जो सोना था वो खोया सोना खोया पाने में
कहे नर सोचे समझें चले वो नर सुख पावे।
आख़िर में तो सब छोड़ अकेला परधाम जावे।

नर

Hindi Motivational by Naranji Jadeja : 111833571

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