उसके माथे पर
वो तेज सा
और
जिस्म पर वो कवच
जब वो अपने धनुष
से करता बाण की
वर्षा डर जाते बड़े
बड़े योद्धा
उस जैसा दानवीर
दुबारा इस धरती पर न हुआ

Hindi Poem by Gurpreet Singh HR02 : 111830797

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now