स्त्री वो संगीत है जो ......
जो मृत में भी प्राणों का संचार कर दे
जो पाषाणी हृदय को भी द्रवित कर दे
जो नव - सृजन कर सृष्टि का निर्माण करे
अपनी संतति की रक्षा हेतु पल में प्रलय करे
प्रेम रूप में दुर्गा बनकर सबका जो कल्याण करे
क्रोध रूप में काली बनकर शत्रु का जो संहार करे