सोचकर ये कि, तुम संभालोगे
मैं कहीं बेसबब न गिर जाऊँ...
ये समझकर कि, तुम समेटोगे
और ज़्यादा न,मैं बिखर जाऊँ....
इस भरोसे में, तुम सिओगे इसे
पैरहन, तार-तार कर बैठूॅं...
💕💕
(पैरहन- लिबास)

-Shweta Deep

English Shayri by Shweta Deep : 111806760

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