अभी देखा नही था जहां उसने
वो पहले ही मर गयी
एक बेटे की चाह में
वो बेटी बलि चढ़ गयी

कभी नजायज सम्बन्ध तो
कभी बेटे की चाह कर गयी
उस नन्ही सी जान को कोख
में ही ख़त्म कर गयी

करके ख़त्म कोख में उसे
वो खुद को माँ कहती है
खुद एक औरत एक लड़की
होकर भी भला वो ऐसी
गलती कैसे करती है

एक बेटे की चाह में
कितना गलत हो जाता है
न जाने कितनी सुशीला
साक्षी , कल्पना का
खात्मा हो जाता है

क्यों देता है भगवान
खुशियां ऐसे लोगो को
जो कबुल नही करते उस
खुदा के प्यारे से तोहफे को


हर साल एक बेटे की चाह में नाजाने
कितनी की लड़कियो की हत्या कोख में
कर दी जाता है
उन्हें इस दुनिया में आने ही नही दिया जाता है
चन्द रुपयो के लिए ये डाक्टर लोग अपना
कोख में कोन है
ये बता देते है जिससे जन्म से पहले ही
उसकी हत्या कर दी जाती है
दुनिया में बहुत से ऐसे लोग है जो माँ बाप
नही बन सकते ।
जो एक बार बनने के लिए तरसते हैं
पर भगवान उन्हें ये ख़ुशी ना दे कर
जिन्हें इनकी कोई कदर नही ऐसे लोगो
को खुशियां देता है



From :- krnmahich

English Thought by karan kumar : 111804596

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