रचनाकार - प्रमिला कौशिक (21/4/2022)
रोबोट
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बुलडोज़र नहीं रोबोट है यह
निर्माता जिसका है मानव।
रिमोट हाथ में उसके ही है
बना दिया उसको है दानव।
निर्माण हेतु बनाया था जो
पर कर रहा विध्वंस है।
नियम कानून ताक पर रख
चलाया जा रहा नृशंस है।
रिमोट का दबाकर बटन
चाहे जिधर मुख मोड़ दो।
भेज कर इस दैत्य को
किसी का भी घर तोड़ दो।
विडंबना कैसी है देखो
दैत्य बन गया गुलाम है।
कठपुतली सा वह घूमता
इशारों पर वो सरेआम है।।
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