ये जिन्दगी तू खेलती बहुत है।
कभी हालत से कभी जज़्बात से।
कभी मेरे प्यार को दर्द बनाती हैं।
कभी मेरी खामोशी को मेरी कमजोरी।

-Sayra Ishak Khan

Hindi Poem by Sayra Ishak Khan : 111798517

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