बता नहीं सकती कितनी परेशान हूँ मैं
कभी जानने की कोशिश की है तुमने
कि कितनी परेशान हूँ मैं
तुमने तो कभी समझा ही नहीं मुझे
हमेशा अपने में ही मगन रहे तुम
कुछ कहना तो दूर की बात है
दिल की बात समझ ही नहीं पाए तुम
हमेशा अपने में ही मगन रहे तुम
अब कुछ कहना नहीं
कुछ सुनना नहीं
बस इतनी सी बात है
तुम भी खुश रहो हम भी
जो कुछ भी हमारे बीच था
वो प्यार था या नहीं पता नहीं
लेकिन अब इतना पता है
ये प्यार दुबारा होगा नहीं

Hindi Poem by Misha : 111791392

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now