क्यों दर - बदर भटक रहा है तू ए मुसाफ़िर
जो तुझमें ही है उसके लिए क्यों बन रहा काफ़िर
खुद से रूबरू होकर देख तो ज़रा
ज़िंदगी में फिर सुकून ही होगा भरा

Hindi Quotes by उषा जरवाल : 111779154

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