मुश्किलों की नदी पार करके , मुझे उस छोर तक जाना है ,
अपनी पतवार थामकर खुद ही, इस भँवर से निकल जाना है ।
क्यों करूँ मैं फ़िक्र भला इन मुश्किलों से घिर जाने की ,
मैं तो वो माँझी हूँ जिसे आदत है तूफ़ानों से टकराने की ।

Hindi Quotes by उषा जरवाल : 111779045

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