वो आदत है मेरी,
इबादत की तरह,
उसे याद करता हु सुबह शाम खुदा की तरह,
वो ना मीले ना सही ,
उसका नूर ही मिल जाए कही।

-N¡k¡t@

English Shayri by N¡k¡t@ : 111766398

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now