फलसफा समझो न असरारे सियासत समझो,
जिन्दगी सिर्फ हकीक़त है हकीक़त समझो,
जाने किस दिन हो हवायें भी नीलाम यहाँ,
आज तो साँस भी लेते हो ग़नीमत समझो

Hindi Shayri by Ajay Shelke : 111765543

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now