My Spiritual Poem...!!!
सात संदूक़ों में भर कर
दफ़्न कर दो नफ़रतें
आज इंसाँ को मोहब्बत की
ज़रूरत है बहुत
सारा गिला-शिकवा मिटा
दो एक-दूजे के दिलो से
आज इंसाँ को मोहब्बत की
ज़रूरत है बहुत
दूरिया दूर कर गले लगाऔ
एक-दूजे को दिल से
आज इंसाँ को मोहब्बत की
ज़रूरत है बहुत
बहुत खेल लिए धर्म धर्म की
शतरंज अब बस करो
आज इंसाँ को मोहब्बत की
ज़रूरत है बहुत
बहुत खूबसूरत ख्वाब है प्रेम
चलो इसे हकीकत बनाए
आज इंसाँ को मोहब्बत की
ज़रूरत है बहुत
बहुत खेल ली होली खुन की
चलो प्रेम का बीज़ बोए
आज इंसाँ को मोहब्बत की
ज़रूरत है बहुत
चलो आज सियासत को ही
शिकस्त दे के करीब आए
आज इंसाँ को मोहब्बत की
ज़रूरत है बहुत
प्रभु की सब से पसंदीदा अदा
है प्रेम चलो मिल के अपनाए
आज इंसाँ को मोहब्बत की
ज़रूरत है बहुत
-Rooh The Spiritual Power