मोहब्बत हम नहीं करते, क्योंकि रो नहीं सकते।
भुल कर कई अपनों को, किसी के हो नहीं सकते।।
लोग जब बैहोश होते हैं, हमें तब भी होश रहता है।
ये गालियाँ इश्क की हैं, 'ठाकुर' यहाँ पर खो नहीं सकते।।

-Satish Thakur

Hindi Shayri by Satish Thakur : 111755864

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