ये जो समाज में समान हक की बाते करते हैं,,
वो लोग, अपने घर की औरतों की बुलंद होती आवाज से डर जाते क्यूँ है???
तुम्हें भी आगे बढ़ना चाहिए,, कहने वाले लोग,
उसी औरत की उंची होती उड़ान पर इतना चिल्लाते क्यूँ हैं???
अपनी माँ के पैरों में सारा जहाँ बताने वालों,,,, किसी और माँ के कामयाबी के शिखर छू लेने पर , तुम्हारे पुरुष होने के वजूद हिल जाते क्यूँ है???
-Khushboo Bhardwaj RANU