मैं और मेरे अह्सास

उम्रभर चाहूँगा ये कसमें खाने वालो के l
वादों से बातेँ करना अच्छा लगता है ll

छत पर सोते समय इश्क की यादों में l
तारों से बातेँ करना अच्छा लगता है ll

प्रियतम का नाम लिखी हुई मेहंदी वाले l
हाथों से बातेँ करना अच्छा लगता है ll

दर्शिता

Hindi Poem by Darshita Babubhai Shah : 111752719

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