मंज़िल की हमें कोई आस नहीं
हमारे सिवा और कोई अपना पास नहीं

शिकवे-गीले , मन्नत तो बहोत करते हैं
लेकिन उस सब में अपना कोई खास नहीं

उठा सिर, फ़ैला दें अपने हाथ और रगड़ दे अपनी हस्ती
क्यूंकि तेरी हस्ती बदले ऐसे यहां पर कोई ग्रह नहीं

~✍️Aj......

Hindi Motivational by Aj.. : 111752641

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