भय न कर, घनी अंधेरी रातों का, क्योंकि उनके पार है नया सवेरा...
मत बना अतीत की बुरी यादों पर अपना बसेरा... 🏠
मकान को बनादेती है खोखला वो कडवी यादें,
छोडदे हाथ अतीत का, आगे बढ़ वर्तमान के साथ,
चुन ले नई राह, की इंतजार कर रहे हैं, मंझील और सूनहरी सुबह 🌄 तेरा....

-Aarushi Varma

Hindi Poem by Aarushi Varma : 111751961

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