अंधेरे से मिटता हुआ उजाला निकला,
चाँद से हटकर सूरज का आगमन हुआ,

सुनसान राह पर हलचलें हुई,
शोर करता हुआ दूधवाला निकला,

सोते हुए इन्सान जागने लगे,
बस कुछ यूँही फिर से सुबह हुई।

Hindi Shayri by Parmar Sadhna : 111751862

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