पूरी जिंदगी नही, एक दिन माँगा है,
अपने ख्वाबों की हक़ीक़त को माँगा है...
Raahi
हर ख़्वाहिश पूरी हो ये ज़रूरी तो नही,
फिरभी पूरी क़ायनात को क़दमों में माँगा है...

- परमार रोहिणी " राही "

Hindi Shayri by Rohiniba Raahi : 111751169

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