चलो आ भी जाओ
ये उजड़ा घोंसला,
यूं अच्छा नहीं लगता
छुपा हुआ चांद मेरा,
यूं अच्छा नहीं लगता।
हवा खुशबू बिखेरना चाहती है
मेरे भी आंगन में
तेरे बिना ये बिखरा हुआ घोंसला
यूं अच्छा नहीं लगता।
यादें रोज आकर मुलाकाते करती है
दिल पर दस्तक करती है
रोज यही जवाब सुनती है
बस, तेरे बिना कुछ भी अच्छा नहीं लगता।
-Dip. The Shayar