सुबह तेरी बातों में
दोपहर तेरे ख्यालों में
शाम तेरे इंतज़ार में
रात तेरी यादों में गुज़रती है
भला कौन कहता है ये इश्क़ फुर्सत का काम है
हमें तो वक्त कम पड़ जाता है
इश्क़ को सँवारने में 💞

-Jaydeep Makwana

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