चाहकर भी कोई आदमी,
तीन औरत का कर्ज,
कभी नहीं चुका सकता,
एक मां की ममता का,
दूसरा पत्नी के साथ का,
तीसरा बहेन की राखी का।

-Parmar Sadhna

Hindi Quotes by Parmar Sadhna : 111738900

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