फोड़ा पक गया है समस्याओं का पक कर नासूर होना चाहता है
दिल टूटता है तो जुड़ता नहीं है टूट कर मासूम होना चाहता है
दयानन्द पाण्डेय

Hindi Shayri by Rakesh Thakkar : 111731262

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now