प्रेम
में हक के लिए लडना
प्रेम नहीं
संघर्ष कहलाता है।
भावनायें
समर्पण की हो तो
ईश्वर पत्थर की मूर्त से भी
प्रेम बरसाता है।
ये निर्विवाद सत्य है
😊
थोड़ा मुश्किल तब बनता है,
जब समर्पण न चाहते हुए
जब प्रेमी ये कहे कि
बांधकर रखो ना मुझे खुद से,
तुम हक जताया करो ना मुझपर!
और
जता देने पर संघर्ष हो!

Hindi Thought by Riddhi Patoliya : 111726593

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