*पता नहीं किस मिट्टी की बनीं हैं....ये "तमन्नाएं".....*

*मरतीं हैं..तड़पतीं हैं....फ़िर भी रोज़ जन्म लेती हैं...*

Hindi Good Morning by Parmar Narvirsinh : 111722783
बिट्टू श्री दार्शनिक 3 years ago

आपकी बात तो ठीक है, पर इस फोटो का संदर्भ समझ नहीं आया।

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