तुम कौन हो …?
तुम जरूरत हो,
ख्वाहिश हो,
आदत हो या हो कोई कमजोरी,
जो भी हो इस बदले अंदाज़ का राज हो तुम,


इस मुस्कान के पीछे नाम हो तुम,
मेरा इंतज़ार मेरा ख्वाब हो तुम।।
तुम वो किताब हो जिसे सीने से लगा,
बंद आँखों से मै पढती हूँ ,
तुम वो आवाज़ हो
जिसको अपनी धड़कन में मै अब सुनती हूँ,


तुम्हारी बेकरारी को इन साँसों में महसूस करता हूँ,
तुम आँखों में हो
और फिर भी अपने हर पल में तुम्हें दूंढ़ती हूँ …
मेरी उलझन को जो सुलझाये वो डोर हो तुम,
मेरे शब्द मेरे बोल हो तुम,
मुझे नहीं पता कि कैसी आदत कैसी जरूरत हो तुम,
मै खुश हूँ की मेरे सिर्फ मेरे हो तुम।।

Hindi Poem by Vinny sharma : 111716931

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