तेरे मेहँदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा है
ज़रा से लफ्ज़ में कितना पैगाम
लिखा है
तेरी मस्ती भरी आँखों को मैंने जाम लिखा है
लबों को पंखुड़ी ,ज़ुल्फ़ों को मैंने
शाम लिखा है
वो खूबसूरत बहुत है ,जिसका मैं पूजारी हूँ
मेरे मज़हब के खाने में मगर इस्लाम लिखा हैं
@Quote,,,