सुना है ! तंग है ये इश्क की गली
फिर भी हर कोई इससे क्यों गुजरता है
दर्द और रुसवाइयां मिलती है इन गलियों में
फिर भी खुशी खुशी हर कोई क्यों जहर ये चखता है।

-Saroj Prajapati

Hindi Shayri by Saroj Prajapati : 111715018

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