व्यस्त हो गया हूँ इस जीवन में थोड़ा सा,

यह कलम छोड़ने के लिए तो पकड़ी न थीं।

लिखे भी तो कैसे इस भँवर में,

हर विचार का विवरण तो संभव हो नहीं सकता।।

- प्रथम शाह

Hindi Blog by Pratham Shah : 111709115

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