मैं बैठा रहूं तुम सुनाती रहो
मैं लिखा करूं तुम गुनगुनाती रहो
साथ ये हमारा तेरा यार कभी छूटे ना
रब कभी रूठे न
ये प्यार कभी टूटे न
मैं बेहोशी की हालत में खो जाऊं तो
तुम हमेशा मुझे यूं जगाती रहो
गर गजल की कोई नोक आती तुम्हे
तुम मेरे पास यूं बुदबुदाती रहो