रोज़ सुबह ज़िन्दगी का एक नया पन्ना लिखती हूं
उम्मीदों की कलम से हसरतों की स्याह भरती हूं
प्रेम भरे शब्दों से जरुरतों का मिलान करती हूं
रोज़ एक नई पहचान के साथ ज़िन्दगी की किताब लिखती हूं ।

Arti shukla

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