चलो आज इश्क लिखते है
वो मोहब्बत से भरे अल्फाजों को
अपनी रूह से रूबरू कराते हैं

चलो आज इश्क के नाम का पैमाना उठाते हैं
उसे अपने लबों से लगा ,
अपने दिलबर को प्यारा भरा पैगाम लिखकर भेजते हैं,

इश्क की स्याही से ,
दिल के बंद दरवाजों को खोलते हैं
चलो आज इज़हार-ए-इश्क लिखकर गुनगुनाते हैं

वो भूली हुई मोहब्बत को आज फिर सुलगाते हैं
अपने रश्क-ए-क़मर ,चांदनी में करीब लाते हैं
चलो आज हाल-ए-दिल लिखकर सुनाते हैं

Deepti Khanna

Hindi Shayri by Deepti Khanna : 111697756

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