आईने को कभी धुँधला ना होने देना,
वो हमारी असलियत से वाक़िफ कराता है...
Raahi
जो खुदसे नज़रे चुराने की कोशिश करे,
वो दुसरो को नही ख़ुदको धोख़ा देता है...

- परमार रोहिणी " राही "

Hindi Shayri by Rohiniba Raahi : 111697342

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now