कोरोना समजता होगा मे उसको हरा दुगा उसकी जींदगी छीन कर, पर उसे मालुम नहीं मेरी महोबत ही मेरी जींदगी है और जमाना उसे छीन चुका मुजसे, अब ये सासे रोक कर तु कुछ छीन नहीं सकेगा , बल्कि मेरी जिंदगी मील जायेंगी।।

-Hemant Pandya

Hindi Shayri by Hemant Pandya : 111694730

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