शिकायत नहीं मुझे तुमसे तेरे काजल से कुछ कहना है
थोड़ी सी जगह दे दे मुझे भी वहां रहना है
शिकायत नहीं मुझे तुमसे तेरे झुमके से कुछ कहना है
थोड़ी देर तो शांत रहा कर मुझे भी इन गालों को चूमना है
शिकायत नहीं मुझे तुमसे तेरे होठों से कुछ कहना है
कितने रंगो ने संवारा तुमको अब मेरा रंग भी खिलने दो
शिकायत नहीं तुमसे कोई

Hindi Romance by Arti Shukla : 111692667

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now