तेरा होना मुझमें, जीने का अंदाज़ सही,
और मेरा तुझमें, होना दिल गुदाज़ सही ।

छु लेती है हवाएं मस्तानी बहार ए आलम,
देखता हूं ख्वाब सच्चा दिलमें नाज़ सही ।

क्यु पुछताछ है, ओस की बूंदें, फूलों पर,
आंखें लाजवाब है,अश्कों भीगी ही सही।

तन्हाई का मंज़र है ,तो क्या हो जाएगा ?
पतझड़ में भी यादें , दिलदार ताज़ा सही।

मिलकर बीछडना, लगा रहता है जिंदगी से
मोती महेबुबा है खूदासे , मिलाती है सही।

-મોહનભાઈ આનંદ

Hindi Poem by મોહનભાઈ આનંદ : 111692152

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