वो महफिल में शामिल हैं,
शौकिन ए इश्क के हस्तियों की चाहत में..
हम तकते रहे मासूम से चेहरे को उनके,
इक प्यार भरी नजरो से दीदार ए हसरत में..
शौक था उन्हें मोहब्बत से ज्यादा महफिलों का
छोड़ आए उस हसीन चेहरे को उसी महफिल में,
क्युकी वो शौक से इंसान को परखने का शौक रखते हैं,
हम इंसान को इंसानियत से परखने का शौक रखते है.. ❤️

-©प्रियंका अरविंद मानमोडे

Hindi Thought by प्रियंका अरविंद मानमोडे : 111689008

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