My Comedy Poem...!!!


यारों कोरें काग़ज़ पर लिखीं
ग़ज़ल बकरी चबा गई

फिर चचाँ हुआ सारे शहर में
कि बक़री शेर खाँ गई

कला कारीगरीं लफ़्ज़ों कि
सारी बेवजह-सी हो गई

ग़ज़ल भी हाज़मे कि दिवारों से
टकरा के पिंगल-सी गई

शायद शायर भी बेचारा पागल
सोचा बात यें क्या हो गई

कुछ पल में शेर-ओ-कलामकी
मानों जैसे धज्जियाँ उड़ गई

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Hindi Funny by Rooh   The Spiritual Power : 111687942

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