आजकल

किसी को दुख में देखकर
उसकी मदद के बजाय
मजा लेने लगे हैं लोग

आपके हालात पर
दुख जताकर पीठ पीछे
हंसी उड़ाते हैं वहीं लोग

जीवन बचाने के बजाय
जीवन को खतरे में
डाल देते हैं लोग

ये कैसी मानसिकता है
इंसानियत की जगह
क्रुरता दिखाने लगे हैं लोग

मुझे सुकुन है इस बात की
आज भी इंसानियत के लिए
हाथ बढ़ाते है बहुत लोग

- सोनल सिंह सूर्यवंशी

Hindi Poem by Sonal Singh Suryavanshi : 111685887

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